सुप्रीम कोर्ट ने कुख्यात गौ-तस्कर को दी जमानत, राजस्थान सरकार की लापरवाही उजागर
अनूप सिंह
सुप्रीम कोर्ट ने एक कुख्यात गौ-तस्कर नाजुब खान को जमानत देते हुए राजस्थान सरकार की बड़ी लापरवाही पर सवाल उठाए हैं। कोर्ट ने पाया कि राज्य सरकार को पहले ही नोटिस जारी किया गया था, लेकिन इसके बावजूद किसी वकील ने अदालत में पेश होकर राज्य की ओर से कोई पक्ष नहीं रखा। इस वजह से कोर्ट आरोपी के खिलाफ दर्ज मामलों और सात अन्य मामलों की स्थिति को समझ नहीं सका।
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुयान की पीठ ने यह भी माना कि नाजुब खान उत्तर प्रदेश का निवासी है, जिससे राजस्थान में मुकदमे के दौरान उसकी अनुपस्थिति की संभावना बढ़ जाती है। इसके बावजूद कोर्ट ने कहा कि अनिश्चितकाल तक उसे हिरासत में रखना भी उचित नहीं है। इस आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने 21 अक्टूबर को उसे जमानत देने का आदेश दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने लगाई शर्तें
सुप्रीम कोर्ट ने नाजुब खान को जमानत देते हुए कुछ शर्तें भी लागू की हैं। कोर्ट ने निर्देश दिया कि आरोपी ट्रायल कोर्ट की संतुष्टि के लिए समान राशि की दो जमानतों के साथ पर्याप्त जमानत बांड प्रस्तुत करेगा, ताकि वह भविष्य में नियमित रूप से कोर्ट में उपस्थित हो।
यह मामला संवेदनशील आपराधिक मामलों में राज्य की ओर से मजबूत कानूनी प्रतिनिधित्व की आवश्यकता को उजागर करता है। इस लापरवाही से न केवल न्यायिक प्रक्रिया प्रभावित हुई, बल्कि गौ-तस्करी जैसे गंभीर मामलों में सरकारी निगरानी की कमी पर भी सवाल खड़े हुए हैं।