नवम्बर 21, 2024

ट्रम्प की जीत के बाद कनाडा-अमेरिका संबंधों पर संभावित नीतिगत बदलाव

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ट्रम्प के दोबारा चुनाव जीतने के बाद, अमेरिका और कनाडा के बीच संबंधों में संभावित नीतिगत बदलाव देखने को मिल सकते हैं। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की नीतियों ने पिछले कार्यकाल में अमेरिका-कनाडा के व्यापार, पर्यावरण, और आव्रजन संबंधों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाला था। ट्रम्प के प्रशासन के तहत “अमेरिका फर्स्ट” नीति का पालन किया गया था, जिससे पड़ोसी देशों के साथ कुछ जटिलताएँ उभरकर आई थीं।

व्यापार और आर्थिक संबंध:
ट्रम्प के पिछले कार्यकाल के दौरान, यूएसएमसीए (USMCA) समझौते पर हस्ताक्षर किए गए, जो कि उत्तर अमेरिकी व्यापार का नया प्रारूप है, जिसने पूर्व NAFTA समझौते की जगह ली थी। कनाडा-अमेरिका के व्यापारिक संबंधों में कुछ टैरिफ बढ़ाए गए थे, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव पैदा हुआ। ट्रम्प के दोबारा आने से इस समझौते में फिर से सुधार की संभावनाएँ बन सकती हैं, क्योंकि ट्रम्प प्रशासन अपने हितों को प्रमुखता देता रहा है।

पर्यावरण नीति और जलवायु परिवर्तन:
पर्यावरण संबंधी नीतियों में भी ट्रम्प प्रशासन का दृष्टिकोण विशेष रहा है। उन्होंने पेरिस जलवायु समझौते से अमेरिका को बाहर निकालने का निर्णय लिया था, जिसे कनाडा जैसे देश जलवायु संकट का समाधान मानते हैं। अगर ट्रम्प दोबारा पद पर आते हैं, तो अमेरिका में पर्यावरण के प्रति नजरिया और सख्त हो सकता है, जिससे कनाडा के साथ मतभेद बढ़ सकते हैं।

आव्रजन और सीमा सुरक्षा:
ट्रम्प की आव्रजन नीति काफी सख्त रही है। अमेरिका-कनाडा की सीमाओं पर नियंत्रण कड़े करने के प्रयास ट्रम्प प्रशासन द्वारा पहले ही किए गए थे। दोबारा कार्यकाल में, कनाडा से आने वाले प्रवासियों पर अतिरिक्त प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं, जिससे दोनों देशों के बीच आव्रजन नीति पर विवाद की स्थिति बन सकती है।

रक्षा और सुरक्षा:
अमेरिका और कनाडा नाटो जैसे संगठनों के माध्यम से एक रक्षा साझेदारी में जुड़े हुए हैं। ट्रम्प ने पहले नाटो में अधिक योगदान की मांग की थी और सहयोगी देशों से अधिक जिम्मेदारी उठाने की अपेक्षा की थी। कनाडा पर इस बार भी दबाव बढ़ सकता है कि वह अपनी रक्षा क्षमता और बजट में इजाफा करे।

निष्कर्ष:
डोनाल्ड ट्रम्प के दोबारा चुनाव जीतने से अमेरिका और कनाडा के संबंधों पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है। व्यापार, पर्यावरण और आव्रजन जैसे मुद्दों पर दोनों देशों के बीच संतुलन और वार्तालाप की जरूरत होगी। ट्रम्प की नीतियाँ “अमेरिका फर्स्ट” सिद्धांत पर आधारित हैं, और इसका असर कनाडा-अमेरिका संबंधों पर आने वाले समय में देखने को मिल सकता है।

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