पत्नी की हत्या के दोषी पति को आजीवन कारावास, बेटे की गवाही भी नहीं बचा सकी
झांसी की अदालत ने पत्नी की हत्या के आरोपी सूरज अहिरवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। यह मामला करीब दो साल पुराना है, जब सूरज पर अपनी पत्नी नेहा की गला घोंटकर हत्या करने का आरोप लगा था। इस केस में चौंकाने वाली बात यह रही कि आरोपी को बचाने के लिए उसके 12 वर्षीय बेटे ने अदालत में बयान दिया था।
बेटे की गवाही: पिता को बचाने की कोशिश
12 साल के बेटे ने कोर्ट में गवाही दी कि घटना के समय उसके पिता, सूरज अहिरवार, नेहा के पास नहीं थे और उन्होंने उसकी मां की हत्या नहीं की। बेटे के इस बयान ने कोर्ट में हलचल मचा दी थी, लेकिन यह गवाही सूरज को बचाने के लिए पर्याप्त नहीं थी।
मजबूत सबूत: सीसीटीवी फुटेज और लोकेशन
मामले की जांच के दौरान दो महत्वपूर्ण सबूत सामने आए। पहला, हत्या के बाद सूरज अहिरवार के भागने का सीसीटीवी फुटेज। दूसरा, सूरज की मोबाइल लोकेशन, जो घटनास्थल के पास पाई गई थी। इन सबूतों ने अदालत के सामने स्पष्ट कर दिया कि नेहा की हत्या उसके पति सूरज ने ही की थी।
कोर्ट का फैसला
अपर सत्र न्यायाधीश शक्ति पुत्र तौमर ने मामले की गंभीरता को देखते हुए शनिवार को सूरज अहिरवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही, उस पर 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया। अदालत ने स्पष्ट किया कि यदि जुर्माना अदा नहीं किया गया, तो यह रकम उसकी संपत्ति से वसूली जाएगी।
परिवार में मातम
यह मामला झांसी में चर्चा का विषय बन गया है। नेहा की हत्या ने इलाके में गम और गुस्से का माहौल पैदा किया था।
न्याय की मिसाल
यह मामला एक बार फिर साबित करता है कि कानून के सामने सच्चाई को छिपाया नहीं जा सकता। सीसीटीवी फुटेज और टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल ने इस केस में न्याय सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाई। अदालत का यह फैसला भविष्य के मामलों के लिए भी एक मिसाल बनेगा।