केंद्र सरकार ने एनसीसीएफ के माध्यम से टमाटर की बाजार हस्तक्षेप योजना के परिवहन घटक को दी मंजूरी

भारत सरकार ने टमाटर की गिरती कीमतों को ध्यान में रखते हुए बाजार हस्तक्षेप योजना (MIS) के तहत परिवहन घटक के कार्यान्वयन को मंजूरी दे दी है। इस योजना का उद्देश्य उत्पादक और उपभोक्ता राज्यों के बीच मूल्य असंतुलन को कम करना और किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाना है। सरकार के इस कदम से मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और अन्य प्रमुख उत्पादक राज्यों के टमाटर उत्पादकों को राहत मिलेगी।
योजना की प्रमुख विशेषताएं
- बाजार हस्तक्षेप योजना (MIS) क्या है?
यह एक सरकारी योजना है जो तब लागू की जाती है जब किसी कृषि उपज की कीमतें बहुत कम हो जाती हैं। इसका उद्देश्य किसानों को नुकसान से बचाना और बाजार में स्थिरता बनाए रखना होता है। - परिवहन लागत की प्रतिपूर्ति
केंद्र सरकार एनसीसीएफ (National Cooperative Consumers’ Federation of India) और नैफेड (NAFED) जैसी केंद्रीय नोडल एजेंसियों को उत्पादक राज्यों से उपभोक्ता राज्यों तक टमाटर के परिवहन और भंडारण की लागत की प्रतिपूर्ति करेगी। - मध्य प्रदेश में होगी योजना की शुरुआत
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश में एनसीसीएफ के माध्यम से इस योजना के कार्यान्वयन को मंजूरी दी है। एनसीसीएफ जल्द ही टमाटर के परिवहन कार्य को शुरू करेगा।
इस योजना के लाभ
- किसानों को उचित मूल्य मिलेगा, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी।
- टमाटर उत्पादक राज्यों में गिरती कीमतों को नियंत्रित किया जा सकेगा।
- उपभोक्ता राज्यों में टमाटर की स्थिर आपूर्ति बनी रहेगी, जिससे मूल्य असंतुलन दूर होगा।
- परिवहन और भंडारण लागत की प्रतिपूर्ति होने से किसानों का आर्थिक बोझ कम होगा।
निष्कर्ष
केंद्र सरकार का यह कदम टमाटर उत्पादकों के लिए बड़ी राहत साबित होगा। यह योजना किसानों को उनकी मेहनत का उचित मूल्य दिलाने के साथ-साथ बाजार में मांग और आपूर्ति के संतुलन को बनाए रखने में सहायक होगी। एनसीसीएफ और नैफेड जैसी नोडल एजेंसियां इस योजना को सफलतापूर्वक लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।