नवम्बर 21, 2024

ट्राई ने एक्सेस प्रदाताओं के लिए श्वेतसूची में URL/APK/OTT लिंक को शामिल करने की समयसीमा बढ़ाई

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भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने एक्सेस प्रदाताओं के लिए URL, APK, और OTT लिंक को श्वेतसूची में शामिल करने की समयसीमा बढ़ा दी है। यह निर्णय एक्सेस प्रदाताओं द्वारा समयसीमा विस्तार के अनुरोध के बाद लिया गया है। ट्राई ने 20 अगस्त, 2024 को जारी अपने निर्देश का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए एक्सेस प्रदाताओं को एक महीने का अतिरिक्त समय दिया है।

श्वेतसूची के महत्व

श्वेतसूची (whitelist) एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके माध्यम से विश्वसनीय और मान्य लिंक, वेबसाइट, और एप्लिकेशन को नेटवर्क पर अनुमति दी जाती है। ट्राई द्वारा जारी इस नए निर्देश के अनुसार, 1 अक्टूबर, 2024 के बाद से केवल वही URL, APK, और OTT लिंक ट्रैफिक को अनुमति दी जाएगी जो श्वेतसूची में शामिल हैं। इसका उद्देश्य हेडर और कंटेंट टेम्प्लेट के दुरुपयोग को रोकना है, जिससे दूरसंचार क्षेत्र में अधिक सुरक्षा और दक्षता सुनिश्चित की जा सके।

एक्सेस प्रदाताओं की चुनौतियां

इस निर्देश के अनुपालन में कई एक्सेस प्रदाताओं को समय की आवश्यकता महसूस हुई, जिसके चलते उन्होंने ट्राई से समयसीमा बढ़ाने का अनुरोध किया। उनकी यह चिंता इस बात पर आधारित थी कि श्वेतसूची में शामिल करने की प्रक्रिया में समय लगता है और इसे सही ढंग से लागू करने के लिए अधिक समय चाहिए।

समयसीमा का विस्तार

ट्राई ने इन चिंताओं को ध्यान में रखते हुए एक्सेस प्रदाताओं को एक महीने का विस्तार प्रदान किया है। यह विस्तार उन्हें आवश्यक कदम उठाने और यह सुनिश्चित करने का समय देगा कि कोई भी अवैध या अनियमित लिंक उनकी सेवाओं में शामिल न हो। साथ ही, इस समयसीमा के भीतर उन्हें प्राधिकरण को की गई कार्रवाई की अद्यतन स्थिति और अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी।

आगे का रास्ता

यह कदम भारतीय दूरसंचार क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकता है, क्योंकि यह दूरसंचार सेवाओं की सुरक्षा और विश्वसनीयता को और अधिक मजबूत करेगा। इसके अलावा, कॉल बैक नंबरों के क्रियान्वयन के लिए संशोधित समयसीमा को भी अलग से तय किया जाएगा, जो इस पूरे प्रक्रिया का एक अन्य महत्वपूर्ण हिस्सा है।

निष्कर्ष

ट्राई का यह निर्णय भारतीय दूरसंचार प्रणाली को अधिक सुरक्षित और कुशल बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। एक्सेस प्रदाताओं को अब यह सुनिश्चित करना होगा कि वे समयसीमा के भीतर सभी आवश्यक कदम उठाएं ताकि उनकी सेवाएं इस नए निर्देश के तहत सुरक्षित और मान्य बनी रहें। इससे न केवल यूजर्स की सुरक्षा में सुधार होगा, बल्कि दूरसंचार उद्योग की स्थिरता भी सुनिश्चित होगी।

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