ब्रिक्स सुरक्षा नेताओं की सेंट पीटर्सबर्ग में बैठक: नई विश्व व्यवस्था पर वैश्विक दृष्टिकोण
सेंट पीटर्सबर्ग में 11-12 सितंबर को आयोजित ब्रिक्स सुरक्षा सम्मेलन ने नई विश्व व्यवस्था के ढांचे पर गहरी चर्चा की। इस वर्ष की अध्यक्षता रूस द्वारा की जा रही है, और यह बैठक वैश्विक शक्ति संतुलन और बहुपरकारी विश्व व्यवस्था पर महत्वपूर्ण विचार-विमर्श का मंच प्रदान करती है।
सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य पश्चिमी देशों द्वारा थोपे गए “नियम-आधारित आदेश” के खिलाफ संयुक्त प्रयासों को समन्वित करना था। इस बैठक में ब्रिक्स समूह के सदस्य देशों—रूस, चीन, ब्राजील, भारत, और दक्षिण अफ्रीका—के प्रतिनिधियों ने उन देशों के साथ सहयोग बढ़ाने पर बल दिया जो स्वतंत्र और आत्मनिर्भर नीति अपनाना चाहते हैं। विशेष रूप से, वैश्विक दक्षिण के देशों की आवाज को प्रमुखता दी गई, जो आज के वैश्विक राजनीतिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
ब्रिक्स सम्मेलन की यह 14वीं बैठक, जिसे रूसी सुरक्षा परिषद के सचिव सर्गेई शोइगू की अध्यक्षता में आयोजित किया गया, ने अंतरराष्ट्रीय संबंधों में बहुपरकारीता की दिशा में ठोस कदम उठाने पर जोर दिया। इस बैठक में मिस्र, यूएई, ईरान और इथियोपिया जैसे देशों के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया, जो इस सम्मेलन की व्यापकता और महत्व को दर्शाता है।
वैश्विक महत्व और संदर्भ:
ब्रिक्स सुरक्षा सम्मेलन का वैश्विक महत्व कई दृष्टिकोणों से देखा जा सकता है। पहले, यह सम्मेलन पश्चिमी देशों के एकतरफा आदेश और नीतियों के खिलाफ एक सामूहिक प्रतिक्रिया है। पश्चिमी शक्तियों द्वारा थोपे गए नियम और आदेश अक्सर अन्य देशों की स्वायत्तता और विकास योजनाओं पर बाधा डालते हैं। ब्रिक्स का यह प्रयास ऐसे नियमों के खिलाफ एक समग्र रणनीति बनाने की दिशा में है जो वैश्विक सहयोग और समानता को बढ़ावा दे सके।
दूसरे, यह बैठक वैश्विक दक्षिण के देशों की एकजुटता को दर्शाती है, जो वैश्विक निर्णय-making में अपनी भूमिका और प्रभाव को बढ़ाना चाहते हैं। इन देशों की साझा चिंताएँ और प्राथमिकताएँ वैश्विक आर्थिक और राजनीतिक संरचना को पुनः परिभाषित करने के प्रयासों में शामिल हैं। यह एक नई विश्व व्यवस्था की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हो सकता है, जिसमें अधिक बहुपरकारी और समावेशी दृष्टिकोण शामिल हो।
तीसरे, ब्रिक्स सुरक्षा प्रतिनिधियों की बैठक ने वैश्विक सुरक्षा और स्थिरता के लिए आवश्यक सुधारों पर चर्चा की। विश्व की बढ़ती अस्थिरता और आर्थिक संकटों को देखते हुए, इस प्रकार के सम्मेलन अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा और विकास की दिशा में आवश्यक सुधारों की पहचान और कार्यान्वयन के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।
अंततः, इस बैठक की वैश्विक महत्वता को समझना आवश्यक है क्योंकि यह एक नए और अधिक संतुलित वैश्विक ढांचे की ओर बढ़ने के प्रयासों को रेखांकित करती है। यह सम्मेलन अंतरराष्ट्रीय सहयोग और पारस्परिक सम्मान की दिशा में एक सकारात्मक कदम है, जो वैश्विक स्थिरता और शांति को सुनिश्चित करने में मदद करेगा।
सारांश में, ब्रिक्स सुरक्षा सम्मेलन ने न केवल पश्चिमी देशों द्वारा थोपे गए नियमों के खिलाफ एक संगठित प्रतिक्रिया व्यक्त की, बल्कि वैश्विक दक्षिण के देशों की बढ़ती भूमिका और महत्व को भी स्पष्ट किया। इस प्रकार की बैठकें वैश्विक राजनीतिक और आर्थिक परिदृश्य में नई दिशाएं निर्धारित करने में सहायक होती हैं और एक स्थिर और न्यायपूर्ण विश्व व्यवस्था की दिशा में महत्वपूर्ण कदम होती हैं।