सीएम योगी आदित्यनाथ की बैठक: खाने की गुणवत्ता और ग्राहकों के अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए नए अध्यादेश
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आगामी दिनों में अधिकारियों के साथ बैठक करने जा रहे हैं, जिसमें वे ‘छद्म एवं सौहार्द विरोधी क्रियाकलाप निवारण एवं थूकना प्रतिबंध अध्यादेश 2024’ और ‘यूपी प्रिवेंशन ऑफ़ कॉन्टेमिनेशन इन फूड (कंज्यूमर राइट टू नो) अध्यादेश 2024’ को मंजूरी देने पर विचार कर सकते हैं। इन अध्यादेशों का उद्देश्य खाद्य सुरक्षा और ग्राहकों के अधिकारों को सुनिश्चित करना है।
अध्यादेशों का उद्देश्य
इन अध्यादेशों के तहत, भोजन परोसने वाले व्यक्तियों को थूकने जैसे अनैतिक व्यवहार के लिए कठोर दंड का सामना करना पड़ सकता है। यह कदम ग्राहकों की सुरक्षा और खाद्य पदार्थों की स्वच्छता को बनाए रखने के लिए आवश्यक है। इसके साथ ही, प्रत्येक व्यक्ति को अपने भोजन के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करने का अधिकार होगा, जिससे उपभोक्ता जान सकेंगे कि उनका खाना कहाँ और किसके द्वारा तैयार किया जा रहा है।
ग्राहक अधिकारों की सुरक्षा
इन दोनों अध्यादेशों का आपस में गहरा संबंध है। ‘यूपी प्रिवेंशन ऑफ़ कॉन्टेमिनेशन इन फूड (कंज्यूमर राइट टू नो) अध्यादेश 2024’ यह सुनिश्चित करता है कि ग्राहकों को उनके भोजन की पूरी जानकारी उपलब्ध हो, जैसे कि उसकी सामग्री, स्रोत, और निर्माण प्रक्रिया। इससे न केवल खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि उपभोक्ताओं की पसंद और प्राथमिकताओं का भी सम्मान किया जाएगा।
योगी सरकार द्वारा प्रस्तावित ये नए अध्यादेश खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता और ग्राहकों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम हैं। यदि ये अध्यादेश लागू होते हैं, तो यह न केवल खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे, बल्कि उत्तर प्रदेश में खाने-पीने की स्वतंत्रता को भी बढ़ावा देंगे। इस दिशा में उठाए गए कदमों का सकारात्मक प्रभाव राज्य की खाद्य प्रणाली और उपभोक्ताओं के अनुभव पर पड़ने की उम्मीद है।