फ़रवरी 20, 2025

केंद्र सरकार द्वारा पंजाब, उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ के ग्रामीण स्थानीय निकायों को वित्तीय अनुदान जारी

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केंद्र सरकार ने पंचायती राज मंत्रालय के तहत पंजाब, उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ के ग्रामीण स्थानीय निकायों (Rural Local Bodies – RLBs) के लिए पंद्रहवें वित्त आयोग के तहत वित्तीय वर्ष 2024-25 के अनुदान जारी किए हैं। यह अनुदान ग्रामीण शासन को सुदृढ़ करने और पंचायतों को स्वायत्तता प्रदान करने के उद्देश्य से दिए जाते हैं।

किस राज्य को कितना अनुदान प्राप्त हुआ?

  1. पंजाब:
    • कुल अनुदान: 225.17 करोड़ रुपये
    • इस अनुदान की पहली किस्त राज्य की 13,144 ग्राम पंचायतों, 146 ब्लॉक पंचायतों और 22 जिला पंचायतों को वितरित की जाएगी।
  2. छत्तीसगढ़:
    • कुल अनुदान: 244.11 करोड़ रुपये
    • इसमें 237.13 करोड़ रुपये की दूसरी किस्त और 6.97 करोड़ रुपये की रोकी गई राशि शामिल है।
    • इस राशि का उपयोग 11,548 ग्राम पंचायतों, 146 ब्लॉक पंचायतों और 27 जिला पंचायतों द्वारा किया जाएगा।
  3. उत्तराखंड:
    • कुल अनुदान: 93.96 करोड़ रुपये
    • यह राशि पहली किस्त के रूप में राज्य की पंचायतों को दी गई है।

अनुदान का उद्देश्य और उपयोग

यह वित्तीय सहायता पंचायती राज संस्थानों (PRIs) को उनके क्षेत्र में आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए दी जाती है। इस अनुदान का उपयोग मुख्य रूप से निम्नलिखित कार्यों के लिए किया जाएगा:

  1. स्वच्छता और खुले में शौच से मुक्ति (ODF) की स्थिति बनाए रखना
    • घरेलू कचरे का प्रबंधन और उपचार
    • मानव मल एवं मल कीचड़ प्रबंधन
  2. पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करना
    • वर्षा जल संचयन (Rainwater Harvesting)
    • जल पुनर्चक्रण (Water Recycling)

कैसे जारी किया जाता है यह अनुदान?

  • पंचायती राज मंत्रालय और जल शक्ति मंत्रालय (पेयजल एवं स्वच्छता विभाग) की सिफारिश पर वित्त मंत्रालय यह अनुदान जारी करता है।
  • अनुदान वित्तीय वर्ष में दो किस्तों में दिया जाता है।
  • यह अप्रतिबंधित अनुदान होता है, जिसका मतलब यह है कि इसका उपयोग स्थानीय निकाय अपनी आवश्यकताओं के अनुसार कर सकते हैं, लेकिन वेतन और अन्य प्रशासनिक खर्चों पर इस राशि का उपयोग नहीं किया जा सकता।

पंचायती राज संस्थानों की भूमिका

भारत में पंचायती राज प्रणाली जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाती है। पंचायतें स्थानीय स्तर पर विकास कार्यों का संचालन करती हैं, जिनमें बुनियादी सेवाएं, स्वच्छता, पेयजल और ग्रामीण बुनियादी ढांचे का निर्माण शामिल होता है।

निष्कर्ष

केंद्र सरकार द्वारा जारी यह अनुदान ग्रामीण स्थानीय निकायों को सशक्त बनाएगा और उन्हें अपनी जरूरतों के अनुसार विकास कार्यों में निवेश करने में मदद करेगा। यह पहल न केवल पंचायती राज संस्थाओं को स्वायत्तता प्रदान करती है, बल्कि ग्रामीण विकास को भी गति देती है।

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