सीआईएल और आईआईटी हैदराबाद के बीच स्वच्छ कोयला ऊर्जा अनुसंधान के लिए ऐतिहासिक समझौता

भारत सरकार के कोयला मंत्रालय के मार्गदर्शन में कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, हैदराबाद (IIT-H) के साथ स्वच्छ कोयला ऊर्जा और नेट जीरो (CLEANZ) केंद्र की स्थापना के लिए 7 मार्च 2025 को एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए। यह पहल भारत की नेट जीरो प्रतिबद्धताओं के अनुरूप है और कोयला उपयोग को अधिक टिकाऊ बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।
समझौते की प्रमुख बातें
- अनुसंधान और विकास (R&D) का बढ़ावा
- सीआईएल और आईआईटी-एच मिलकर स्वच्छ कोयला प्रौद्योगिकी विकसित करने के लिए अनुसंधान करेंगे।
- अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी तत्परता स्तर (TRL) तैयार करने पर जोर दिया जाएगा।
- वित्तीय सहायता
- इस परियोजना के लिए सीआईएल ने पांच वर्षों के लिए 98 करोड़ रुपये की अनुदान राशि मंजूर की है।
- यह परियोजना प्रारंभिक निवेश के बाद आत्मनिर्भर बनने का लक्ष्य रखती है।
- प्रमुख अनुसंधान क्षेत्र
CLEANZ केंद्र निम्नलिखित विषयों पर अनुसंधान करेगा:- कोयला खदानों से मीथेन गैस की रिकवरी
- कार्बन कैप्चर तकनीक
- कोयला गैसीकरण और सिंथेटिक गैस का उपयोग
- ऊर्जा दक्षता और संरक्षण
- कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और मशीन लर्निंग (ML) का उपयोग
- सीआईएल अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण एवं कौशल विकास
- सीआईएल के अधिकारियों को खनन तकनीक, निष्कर्षण और लाभकारी प्रौद्योगिकियों पर विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा।
- महत्वपूर्ण खनिजों के उपयोग और उनकी तकनीक को अपनाने पर जोर दिया जाएगा।
सीआईएल और सरकार का विजन
सीआईएल का यह सहयोगात्मक प्रयास राष्ट्रीय कोयला एवं ऊर्जा अनुसंधान केंद्र (NACCER) के तहत संचालित किया जाएगा। सीएमपीडीआई (CMPDI), जो सीआईएल की खान विकास एवं परामर्श शाखा है, इस परियोजना के अनुसंधान एवं विकास पहलुओं को देखेगी।
सीआईएल ने जुलाई 2024 में अपने अनुसंधान और विकास बजट को प्रतिष्ठित सरकारी संस्थानों और अनुसंधान संगठनों को अनुदान देने के लिए पुनर्गठित किया था। यह समझौता उसी नीति के तहत किया गया है ताकि कोयला क्षेत्र में अनुसंधान क्षमताओं को बढ़ाया जा सके और नई तकनीकों का विकास किया जा सके।
इस परियोजना का महत्व
✅ भारत की ऊर्जा सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान देगा।
✅ कार्बन उत्सर्जन को कम करने में मदद करेगा, जिससे भारत की नेट जीरो नीति को बल मिलेगा।
✅ कोयले के उपयोग में विविधता लाकर ऊर्जा संसाधनों का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करेगा।
✅ तकनीकी नवाचारों को प्रोत्साहित कर स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन में अग्रणी भूमिका निभाएगा।
निष्कर्ष
कोल इंडिया लिमिटेड और आईआईटी हैदराबाद के बीच यह समझौता भारत के ऊर्जा क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक कदम है। स्वच्छ कोयला प्रौद्योगिकी पर अनुसंधान न केवल पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देगा, बल्कि कोयला उद्योग में नवाचार और दक्षता भी लाएगा। भारत सरकार की यह पहल कोयला क्षेत्र के विकास और स्वच्छ ऊर्जा समाधानों के लिए एक मील का पत्थर साबित होगी।