विज्ञान धारा योजना: विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार में प्रगति की नई पहल
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) की एकीकृत केंद्रीय क्षेत्रीय योजना ‘विज्ञान धारा’ को मंजूरी दी गयी । यह योजना देश में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार (STI) को प्रोत्साहित करने के लिए तीन प्रमुख योजनाओं का विलय है। इसका उद्देश्य भारत में वैज्ञानिक अनुसंधान, नवाचार और प्रौद्योगिकी विकास को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाना है।
योजना की प्रमुख विशेषताएँ
‘विज्ञान धारा’ योजना के तीन व्यापक घटक हैं:
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थागत और मानव क्षमता निर्माण: यह घटक देश के शैक्षणिक संस्थानों में अनुसंधान एवं विकास (R&D) लैब्स की स्थापना को बढ़ावा देने के साथ-साथ विज्ञान और प्रौद्योगिकी में मानव संसाधन क्षमता को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करता है।
- अनुसंधान और विकास (R&D): योजना के अंतर्गत अनुसंधान को अंतरराष्ट्रीय मेगा सुविधाओं तक पहुँच प्रदान करने और सतत ऊर्जा, जल, आदि के क्षेत्रों में ट्रांसलेशनल रिसर्च को प्रोत्साहित किया जाएगा। अंतरराष्ट्रीय द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग के माध्यम से अनुसंधान को बढ़ावा देने का प्रयास किया जाएगा।
- नवाचार, प्रौद्योगिकी विकास और तैनाती: उद्योगों, स्टार्टअप्स और शिक्षा के विभिन्न स्तरों पर नवाचार को बढ़ावा देने के लिए लक्षित हस्तक्षेपों के माध्यम से अनुसंधान और प्रौद्योगिकी विकास को प्रोत्साहित किया जाएगा। इससे नए विचारों और प्रौद्योगिकियों को साकार करने में सहायता मिलेगी।
योजना का उद्देश्य
विज्ञान धारा का मुख्य उद्देश्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में मानव संसाधन और संस्थागत क्षमता का निर्माण करना है। इस योजना के तहत देश के अनुसंधान आधार को बढ़ाने और पूर्णकालिक अनुसंधानकर्ताओं की संख्या में वृद्धि पर भी जोर दिया गया है। महिलाओं की विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में सहभागिता बढ़ाने के लिए विशिष्ट हस्तक्षेप किए जाएंगे, जिससे विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार (STI) में लिंग समानता का लक्ष्य प्राप्त किया जा सके।
योजना की अवधि और बजट
विज्ञान धारा योजना का प्रस्तावित बजट 10,579.84 करोड़ रुपये है, जो 15वें वित्त आयोग की अवधि 2021-22 से 2025-26 तक लागू रहेगा। इस योजना का लक्ष्य ‘विकसित भारत 2047’ के विजन को साकार करने के लिए विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति करना है।
अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और नवाचार
विज्ञान धारा योजना के तहत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनाए जा रहे शोध मानकों के अनुसार अनुसंधान गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा। यह योजना अंतरराष्ट्रीय सहयोग, नवाचार और तकनीकी विकास के माध्यम से देश की विज्ञान और प्रौद्योगिकी अवसंरचना को मजबूत बनाएगी। योजना के अंतर्गत अनुसंधान और विकास के घटक को अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (ANRF) के साथ संरेखित किया जाएगा।
निष्कर्ष
‘विज्ञान धारा’ योजना भारत के विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम है। यह देश की STI अवसंरचना को मजबूत बनाने और अनुसंधान, नवाचार और तकनीकी विकास को बढ़ावा देने के साथ-साथ मानव संसाधन क्षमता में सुधार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।