अपराजिता बिल: पश्चिम बंगाल विधानसभा ने नए बलात्कार विरोधी विधेयक को सर्वसम्मति से पारित किया

पश्चिम बंगाल विधानसभा ने हाल ही में ‘अपराजिता विधेयक’ को सर्वसम्मति से पारित किया, जिसे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ऐतिहासिक और आदर्श बताया। इस विधेयक के अनुसार, राज्य पुलिस एक विशेष इकाई – ‘अपराजिता टास्क फोर्स’ का गठन करेगी।
अपराजिता विधेयक की मुख्य बातें:
- विधेयक का उद्देश्य: इस विधेयक का लक्ष्य महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को बढ़ाना और बलात्कार तथा यौन अपराधों से संबंधित नए प्रावधानों को शामिल करना है।
- सजा की नई व्यवस्था: बलात्कार के दोषियों के लिए मृत्युदंड का प्रस्ताव है, और दोषी साबित होने पर 10 दिन के भीतर फांसी दी जा सकती है। इसके अलावा, सामूहिक बलात्कार और गंभीर अपराधों के लिए आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है।
- जांच और अभियोजन में सुधार: रेप मामलों की जांच अब प्रारंभिक रिपोर्ट के 21 दिनों के भीतर पूरी की जानी चाहिए, जो पहले की दो महीने की समय सीमा से कम है। बार-बार अपराध करने वालों के लिए जीवनभर कारावास की सजा होगी।
- अपराजिता कार्यबल का गठन: जिला स्तर पर ‘अपराजिता कार्यबल’ का गठन किया जाएगा, जिसकी अध्यक्षता पुलिस उपाधीक्षक करेंगे। यह कार्यबल नए प्रावधानों के तहत अपराधों की जांच के लिए जिम्मेदार होगा।
- कोर्ट कार्यवाही से संबंधित सामग्री पर पाबंदी: कोर्ट कार्यवाही से संबंधित किसी भी सामग्री को बिना अनुमति के छापने या प्रकाशित करने पर तीन से पांच साल की कैद और जुर्माने का प्रावधान है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस विधेयक को महत्वपूर्ण बताया है । विधेयक के पारित होने के बाद, इसे राज्यपाल से जल्द मंजूरी मिलने की उम्मीद है।